Viral News: जयपुर में शराब के नशे में पुलिसकर्मियों में जमकर हुयी लड़ाई, हेड कांस्टेबल ने उन्हें धक्का देकर गिराया।
राजस्थान की राजधानी जयपुर के सदर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां दो पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए। इस घटना...

राजस्थान की राजधानी जयपुर के सदर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां दो पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए। इस घटना में कांस्टेबल राजेश, जो शराब के नशे में धुत था, ने अपने वरिष्ठ हेड कांस्टेबल के साथ बदसलूकी की, जिसके जवाब में हेड कांस्टेबल ने उसे धक्का देकर गिरा दिया। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग की छवि को प्रभावित किया, बल्कि यह सवाल भी उठाए कि आखिर ड्यूटी के दौरान इस तरह का व्यवहार क्यों हुआ। 6 जून 2025 की रात को जयपुर के सदर थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज घटना घटी। कांस्टेबल राजेश, जो उस समय ड्यूटी पर थे, शराब के नशे में थे। उन्होंने अपने सीनियर हेड कांस्टेबल के साथ गाली-गलौज और बदतमीजी की, जिसके बाद हेड कांस्टेबल ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया। इसके परिणामस्वरूप दोनों के बीच सड़क पर हाथापाई शुरू हो गई।
इस घटना का एक वीडियो स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में दिख रहा था कि कांस्टेबल राजेश नशे की हालत में अपने सीनियर से उलझ रहे थे, जबकि हेड कांस्टेबल ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। आसपास के लोगों ने इस झड़प को रोकने का प्रयास किया, लेकिन मामला तब शांत हुआ जब अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इस घटना के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं। पुलिसकर्मियों का काम प्रकृति में अत्यधिक तनावपूर्ण होता है। लंबी ड्यूटी, सामाजिक दबाव, और अपराधियों से निपटने की चुनौतियां पुलिसकर्मियों पर मानसिक और शारीरिक दबाव डालती हैं। कई बार यह दबाव कुछ पुलिसकर्मियों को शराब या अन्य नशे की लत की ओर ले जाता है। कांस्टेबल राजेश का शराब पीकर ड्यूटी पर होना इस बात का संकेत हो सकता है कि वह व्यक्तिगत या पेशेवर तनाव से जूझ रहे थे।
इसके अलावा, पुलिस विभाग में अनुशासन की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। यदि कांस्टेबल राजेश ने पहले भी इस तरह का व्यवहार किया हो और उसे उचित दंड या मार्गदर्शन न मिला हो, तो यह उनकी बेपरवाही को बढ़ावा दे सकता है। यह भी संभव है कि हेड कांस्टेबल और राजेश के बीच पहले से कोई व्यक्तिगत मतभेद रहे हों, जिसने इस झड़प को और भड़काया। शराब का नशा इस घटना का तात्कालिक कारण था, जिसने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया।
घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों ने इस झड़प को अपने मोबाइल फोनों में रिकॉर्ड किया और वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसने इस मामले को व्यापक ध्यान दिलाया। सोशल मीडिया ने इस घटना को जनता के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन इसने पुलिस विभाग की छवि को भी नुकसान पहुंचाया। लोगों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं और सवाल उठाया कि जब पुलिसकर्मी ही आपस में भिड़ रहे हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी। प्रत्यक्षदर्शियों ने झड़प को रोकने की कोशिश की, जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने दोनों पुलिसकर्मियों को अलग करने का प्रयास किया, लेकिन उनकी कोशिशें पूरी तरह सफल नहीं हुईं। यह घटना समाज में पुलिस के प्रति विश्वास की कमी को दर्शाती है, क्योंकि लोग कानून के रखवालों से अनुशासित और जिम्मेदार व्यवहार की अपेक्षा करते हैं।
- पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही जयपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। कांस्टेबल राजेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई। हेड कांस्टेबल को भी इस घटना में शामिल होने के कारण जांच के दायरे में लिया गया। पुलिस विभाग ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ा दंड दिया जाएगा। इस घटना ने पुलिस प्रशिक्षण और ड्यूटी के दौरान शराब के सेवन पर सख्त नियमों की आवश्यकता को उजागर किया।
इस घटना ने जयपुर की जनता में पुलिस के प्रति विश्वास को कमजोर किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना की कड़ी आलोचना की और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। कई लोगों ने इसे पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया। इस घटना ने यह भी दिखाया कि पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। पुलिसकर्मियों की आपसी झड़प न केवल उनके व्यक्तिगत चरित्र पर सवाल उठाती है, बल्कि यह पूरे पुलिस बल की विश्वसनीयता को प्रभावित करती है। जब कानून के रखवाले ही कानून तोड़ते नजर आते हैं, तो यह समाज में असुरक्षा की भावना पैदा करता है। इस घटना ने पुलिस सुधारों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, जिसमें बेहतर प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, और सख्त अनुशासन नीतियां शामिल हैं।
यह घटना नैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी गंभीर सवाल उठाती है। पुलिसकर्मियों से समाज उच्च नैतिक मानकों की अपेक्षा करता है। जब एक पुलिसकर्मी शराब के नशे में अपने सीनियर के साथ बदतमीजी करता है, तो यह न केवल व्यक्तिगत विफलता है, बल्कि संस्थागत कमजोरी को भी दर्शाता है। इस घटना ने पुलिस प्रशिक्षण में नैतिक शिक्षा और अनुशासन पर जोर देने की आवश्यकता को उजागर किया। साथ ही, इस घटना ने शराब की लत और इसके सामाजिक प्रभावों पर भी चर्चा को जन्म दिया। शराब का सेवन न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पेशेवर जिम्मेदारियों को भी प्रभावित करता है। पुलिस विभाग को इस दिशा में सख्त कदम उठाने होंगे, जैसे कि ड्यूटी के दौरान शराब की जांच के लिए नियमित टेस्ट और नशे की लत से निपटने के लिए काउंसलिंग प्रोग्राम। इस घटना ने पुलिस सुधारों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है। पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, और सख्त अनुशासन नीतियां लागू करने की जरूरत है। ड्यूटी के दौरान शराब के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध और इसकी सख्त निगरानी होनी चाहिए। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों को तनाव प्रबंधन और नैतिक आचरण का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
पुलिस विभाग में आंतरिक जवाबदेही को मजबूत करने के लिए एक स्वतंत्र निगरानी तंत्र स्थापित किया जा सकता है, जो पुलिसकर्मियों के व्यवहार और ड्यूटी के दौरान उनके आचरण की नियमित जांच करे। इससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है और पुलिस की जनता में विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है। जयपुर के सदर इलाके में दो पुलिसकर्मियों की आपसी झड़प एक गंभीर घटना है, जिसने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और अनुशासन पर गहरे सवाल खड़े किए हैं। कांस्टेबल राजेश का शराब के नशे में अपने सीनियर के साथ बदतमीजी करना और हेड कांस्टेबल की प्रतिक्रिया ने इस मामले को और जटिल बना दिया। कानूनी दृष्टिकोण से, कांस्टेबल राजेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 (अश्लील कृत्य), धारा 332 (सार्वजनिक सेवक को चोट पहुंचाना), और धारा 353 (सार्वजनिक सेवक पर हमला) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके अलावा, पुलिस सेवा नियमों के अनुसार ड्यूटी के दौरान शराब पीना एक गंभीर अनुशासनात्मक अपराध है, जिसके लिए निलंबन, बर्खास्तगी, या अन्य सजा हो सकती है। हेड कांस्टेबल के मामले में, यदि उनकी प्रतिक्रिया को आत्मरक्षा के रूप में देखा जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई हल्की हो सकती है। हालांकि, उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी, क्योंकि उन्होंने स्थिति को और अधिक पेशेवर तरीके से संभालने की कोशिश नहीं की।
जयपुर के सदर इलाके में दो पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए। शराब के नशे में धुत कांस्टेबल राजेश ने ड्यूटी के दौरान अपने सीनियर हेड कांस्टेबल से बदसलूकी की और गाली-गलौच करते हुए गिरेबान पकड़ लिया। इसके जवाब में हेड कांस्टेबल ने उसे धक्का देकर गिरा दिया। दोनों की बीच सड़क पर जमकर हाथापाई… pic.twitter.com/cnms19TClc — AajTak (@aajtak) June 6, 2025
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