भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता: 3 सितंबर 2025 की नवीनतम दरें

इन रुझानों ने भारतीय ईंधन बाजार को समर्थन प्रदान किया है। देश में ईंधन कीमतें दैनिक आधार पर संशोधित होती हैं, जो जून 2017 से लागू डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग सिस्टम पर आधारित हैं। इस

Sep 3, 2025 - 11:16
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भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता: 3 सितंबर 2025 की नवीनतम दरें
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता: 3 सितंबर 2025 की नवीनतम दरें

3 सितंबर 2025 को भारतीय ईंधन बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अधिकांश शहरों में स्थिरता देखी गई, हालांकि कुछ स्थानों पर मामूली उतार-चढ़ाव दर्ज किए गए। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हल्की गिरावट और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती ने घरेलू ईंधन दरों को प्रभावित किया है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल कंपनियों ने आज सुबह 6 बजे कीमतों की समीक्षा की, जिसमें ज्यादातर शहरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिरता त्योहारों के मौसम से पहले उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितताओं के कारण भविष्य में वृद्धि संभव है। ब्रेंट क्रूड ऑयल आज 73.50 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है, जो पिछले दिन से 0.5 प्रतिशत कम है, जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड 70.20 डॉलर पर है।

इन रुझानों ने भारतीय ईंधन बाजार को समर्थन प्रदान किया है। देश में ईंधन कीमतें दैनिक आधार पर संशोधित होती हैं, जो जून 2017 से लागू डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग सिस्टम पर आधारित हैं। इसमें कच्चे तेल की लागत, विनिमय दर, उत्पाद शुल्क, वैट और डीलर कमीशन जैसे कारक शामिल होते हैं। केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला उत्पाद शुल्क पेट्रोल पर 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर है, जबकि राज्य सरकारों का वैट अलग-अलग है, जिससे शहरों में कीमतों में अंतर आता है। आज की कीमतों का विश्लेषण करते हुए, हम देखते हैं कि उत्तरी भारत में दरें अपेक्षाकृत कम हैं, जबकि दक्षिण और पूर्वी क्षेत्रों में ऊंची हैं। राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल की औसत कीमत 95-105 रुपये प्रति लीटर के बीच है, जबकि डीजल 85-95 रुपये के रेंज में। वैश्विक स्तर पर, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियों ने कच्चे तेल को प्रभावित किया है, लेकिन ओपेक+ के उत्पादन कटौती ने कीमतों को नीचे गिरने से रोका है।

भारत, जो अपनी 80 प्रतिशत से अधिक तेल जरूरतों को आयात करता है, इन कारकों से सीधे प्रभावित होता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज पेट्रोल की कीमत 94.69 रुपये प्रति लीटर है, जो कल की तुलना में अपरिवर्तित है। डीजल यहां 87.80 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध है, जिसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। स्थानीय डीलर्स का कहना है कि कृषि सीजन की वजह से डीजल की मांग बढ़ी है, लेकिन कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली में, जो राष्ट्रीय राजधानी है, पेट्रोल 94.77 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 87.67 रुपये प्रति लीटर। यहां भी आज कोई संशोधन नहीं हुआ, जो वाहन चालकों के लिए राहत है।

नोएडा में पेट्रोल 94.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.89 रुपये प्रति लीटर है, जो उत्तर प्रदेश के वैट के कारण दिल्ली से थोड़ा अधिक है। आगरा में पेट्रोल की दर 94.61 रुपये प्रति लीटर है, जिसमें 0.18 रुपये की मामूली वृद्धि हुई, जबकि डीजल 87.70 रुपये प्रति लीटर पर है, 0.19 रुपये ऊपर। पर्यटन उद्योग यहां ईंधन मांग को बढ़ावा देता है। बरेली में पेट्रोल 94.79 रुपये प्रति लीटर और डीजल लगभग 88.01 रुपये प्रति लीटर है, जो स्थानीय बाजार की गतिविधियों से प्रभावित है। असम में, गुवाहाटी जैसे शहरों में पेट्रोल 98.89 रुपये प्रति लीटर है, जिसमें 0.39 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि डीजल 89.68 रुपये प्रति लीटर पर है, 0.37 रुपये ऊपर। पूर्वोत्तर भारत में परिवहन लागत अधिक होने से कीमतें ऊंची रहती हैं। मुंबई, वित्तीय राजधानी, में पेट्रोल 103.50 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 90.03 रुपये प्रति लीटर।

यहां उच्च वैट के कारण दरें देश में सबसे ऊंची हैं। कोलकाता में पेट्रोल 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.02 रुपये प्रति लीटर है, जो स्थिर हैं। चेन्नई में पेट्रोल 101.03 रुपये प्रति लीटर है, 0.20 रुपये ऊपर, और डीजल 92.61 रुपये प्रति लीटर, भी 0.20 रुपये की वृद्धि के साथ। तमिलनाडु में समान रुझान हैं, जहां औद्योगिक मांग डीजल को प्रभावित करती है, और राज्य स्तर पर पेट्रोल औसतन 100.79 रुपये है। बिहार के पटना में पेट्रोल 106.94 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 93.19 रुपये प्रति लीटर, दोनों अपरिवर्तित। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में डीजल की खपत अधिक है। इन कीमतों का उतार-चढ़ाव कई कारकों से जुड़ा है।

वैश्विक स्तर पर, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट अमेरिकी उत्पादन बढ़ोतरी से आई है, लेकिन ओपेक+ के फैसलों से दबाव है। भारत में, राज्य वैट में अंतर प्रमुख है जैसे दिल्ली में वैट पेट्रोल पर 19.4 प्रतिशत, जबकि महाराष्ट्र में 25 प्रतिशत से अधिक। इसके अलावा, डीलर कमीशन और परिवहन लागत भी भूमिका निभाते हैं। 2025 में अब तक पेट्रोल में 2-3 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है, जबकि डीजल में 1.5 प्रतिशत। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सितंबर में कीमतें 94-107 रुपये के रेंज में रहेंगी, लेकिन दिवाली से पहले मांग बढ़ने से उछाल संभव है। सरकार ने ईंधन करों में कटौती की संभावना जताई है, लेकिन बजट दबाव के कारण यह मुश्किल है। उपभोक्ताओं को सलाह है कि ईंधन बचत के उपाय अपनाएं, जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग। बाजार में आज का कारोबार शांत रहा, लेकिन समग्र रुझान स्थिर है। जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहे हैं, मांग बढ़ सकती है, जो कीमतों को प्रभावित करेगी। कुल मिलाकर, 3 सितंबर 2025 का दिन ईंधन बाजार के लिए सामान्य रहा, जहां स्थिरता ने उपभोक्ताओं को राहत दी है।

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