30 जून 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें: स्थिरता के बीच वैश्विक तेल बाजार का प्रभाव। 

भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, हालांकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हालिया उछाल और रुपये....

Jun 30, 2025 - 11:53
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30 जून 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें: स्थिरता के बीच वैश्विक तेल बाजार का प्रभाव। 

30 जून 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, हालांकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हालिया उछाल और रुपये की कमजोरी ने भविष्य में कीमतों में वृद्धि की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। भारत, जो अपनी 80% से अधिक तेल आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर है, में ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार, केंद्रीय और राज्य करों, परिवहन लागत, और डीलर कमीशन जैसे कई कारकों पर निर्भर करती हैं। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन तेल कंपनियों ने इसे अवशोषित कर लिया, जिससे उपभोक्ताओं पर तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा।

  • 30 जून 2025 को प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें

निम्नलिखित तालिका में 30 जून 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (रुपये प्रति लीटर) दी गई हैं, जो विभिन्न स्रोतों जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के आधार पर संकलित की गई हैं:

शहर    पेट्रोल (₹/लीटर)    डीजल (₹/लीटर)
दिल्ली    94.72    87.62
मुंबई    103.50    90.03
कोलकाता    103.94    90.76
चेन्नई    100.98    92.43
पुणे    104.21    90.03
नासिक    104.31    90.15
लखनऊ    94.65    87.76
आगरा    94.47    87.53
बरेली    94.52    87.61

नोट: कीमतें दैनिक आधार:on पर संशोधित होती हैं और स्थानीय करों (VAT) और परिवहन लागत के कारण शहरों में भिन्न होती हैं। उपरोक्त कीमतें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और अन्य विश्वसनीय स्रोतों जैसे न्यूज18, फाइनेंशियल एक्सप्रेस, और बिजनेस टुडे से ली गई हैं।

  • पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता

30 जून 2025 को, भारत के अधिकांश शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रहीं। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर रही, जो देश में सबसे कम है। मुंबई में, जहां वैट और परिवहन लागत अधिक है, पेट्रोल 103.50 रुपये और डीजल 90.03 रुपये प्रति लीटर रहा। कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 103.94 रुपये और डीजल 90.76 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई, जबकि चेन्नई में पेट्रोल 100.98 रुपये और डीजल 92.43 रुपये प्रति लीटर रहा। पुणे और नासिक में कीमतें मुंबई के समान रहीं, क्रमशः 104.21 रुपये और 104.31 रुपये पेट्रोल के लिए। उत्तर प्रदेश के शहरों जैसे लखनऊ (94.65 रुपये), आगरा (94.47 रुपये), और बरेली (94.52 रुपये) में पेट्रोल की कीमतें दिल्ली के करीब रहीं, जो कम वैट दरों को दर्शाता है।

पिछले कुछ महीनों में, विशेष रूप से मार्च से जून 2025 तक, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया। अप्रैल 2025 में केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा के बावजूद, तेल विपणन कंपनियों (OMCs) जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने इस वृद्धि को अवशोषित कर लिया, जिससे उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ा। इसके अलावा, मई 2025 में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये से घटकर 94.72 रुपये हो गई, जो मामूली राहत का संकेत देता है।

  • कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं:

वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें: भारत अपनी 85% तेल आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर है। 30 जून 2025 को, ब्रेंट क्रूड की कीमत 81.74 डॉलर प्रति बैरल थी, जो पिछले दिन की तुलना में 0.54% कम थी। वैश्विक बाजार में आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, जैसे लाल सागर संकट, ने तेल की कीमतों पर दबाव डाला है
रुपये का मूल्य: रुपये की कमजोरी तेल की लागत को बढ़ाती है, क्योंकि भारत डॉलर में तेल आयात करता है। हाल के महीनों में रुपये की अस्थिरता ने कीमतों को प्रभावित किया है।
कर और शुल्क: केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारों द्वारा लगाया गया वैट पेट्रोल और डीजल की कीमतों का एक बड़ा हिस्सा है। उदाहरण के लिए, मुंबई में वैट दिल्ली की तुलना में अधिक है (24% बनाम 16.75%), जिसके कारण वहां कीमतें अधिक हैं।
परिवहन और डीलर कमीशन: परिवहन लागत और डीलर कमीशन भी कीमतों में अंतर पैदा करते हैं। रिफाइनरी से दूर पंप स्टेशन अधिक शुल्क ले सकते हैं।
चुनावी रणनीति: कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने आम चुनावों से पहले मार्च 2025 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, जिसे राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा गया।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों का सीधा असर आम जनता, परिवहन क्षेत्र, और मुद्रास्फीति पर पड़ता है। मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में उच्च कीमतें घरेलू बजट पर दबाव डालती हैं, क्योंकि वहां निजी वाहनों का उपयोग अधिक है। डीजल की कीमतों में वृद्धि से माल ढुलाई की लागत बढ़ती है, जिसका असर वस्तुओं की कीमतों पर पड़ता है। केंद्र सरकार और तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिया है कि यदि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें कम रहती हैं, तो भविष्य में कीमतों में कटौती संभव है। हालांकि, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से चल रही है, क्योंकि वर्तमान में इन पर 100% से अधिक कर लगता है, जबकि जीएसटी का उच्चतम स्लैब 28% है। वैश्विक तेल बाजार में अनिश्चितता, विशेष रूप से लाल सागर संकट और अन्य भू-राजनीतिक कारकों के कारण, भारत में ईंधन की कीमतों पर दबाव बनाए रख सकती है। इसके बावजूद, सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देकर तेल आयात पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है। दिल्ली में पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध और 500 ईंधन स्टेशनों पर ANPR कैमरे लगाने जैसे कदम पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में उठाए गए हैं। भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रहीं, लेकिन वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण भविष्य में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी हुई है। दिल्ली में सबसे कम कीमतें और मुंबई में सबसे अधिक कीमतें इस बात को दर्शाती हैं कि स्थानीय कर और परिवहन लागत का कितना प्रभाव पड़ता है। सरकार और तेल कंपनियों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिशें उपभोक्ताओं को राहत दे सकती हैं, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए जीएसटी और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान देना होगा।

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